Monday 15 August 2016

क्या आप जानते हैं तिरंगे के सम्मान की ये गाइडलाइंस?

12:34:00 Posted by Unknown No comments

नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने आजादी के जश्न से पूर्व संध्या के समय तिरं फहराने को लेकर सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत प्लास्टिक के झंडे को फहराना गैरकानूनी करार दिया गया है। लोगों को सिर्फ कागज व कपड़े के झंडे ही फहराने की हिदायत दी गई है। मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइंस में इसके अतिरिक्त भी कई ऐसे निर्देश दिए गए हैं जिनका पालन न करके अमूमन हर वर्ष हम सभी जाने-अनजाने गणतंत्र व स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश के झंडे का अपमान कर बैठते हैं। आइए संविधान में बयां किए गए तिरंगा फहराने की गाइडलाइंस को बारीकी से जानते हैं…
1.मंत्रालय के मुताबिक, कागज के झंडे ही फहराए जाएं। हालांकि, आजकल प्लास्टिक के झंडे का इस्तेमाल बढ़ गया है। इस संदर्भ में देशवासियों को सख्त निर्देश जारी कर कागज के झंडे का ही यूज करने की हिदायत दी गई है।
2.किसी व्यक्ति या वस्तु को सलामी देने के लिए झंडे को झुकाना भी अपराध की श्रेणी में रखा गया है।
3.कमर के नीचे तिरंगे के रंग का कपड़ा पहनना भी पूरी तरह से वर्जित रखा गया है।
4.कुशन, रूमाल, नैपकीन आदि पर तिरंगे की छपाई करके उपयोग करना मना है।
5.किसी प्रतिमा, स्मारक या वक्ता मेज पर झंडे को बिछाना या लपेटना सख्म मना है।
6.जान-बूझकर झंडे को जमीन छूने देना या पानी में सराबोर होने देना भी दंडनीय अपराध माना जाता है।
7.भारतीय झंडे को किसी नाव, रेलगाड़ी या वाहन के टॉप, बगल या पिछले भाग पर लपेटना मना है।
8.जो कोई भी राष्ट्रीय गान को गाने से रोकता है या ऐसा गाता है कि उससे गायन में व्यवधान पैदा होता है तो अपराध की संज्ञा में माना जाता है।
9.राष्ट्रीय झंडे को तीनों रंगों को आयताकार में समान लंबाई-चौड़ाई में तैयार किया गया हो। साथ ही, चक्र को इस प्रकार से प्रिंट या कढ़ाई किया जाए जो सफेद पट्टी के केंद्र में हो व झंडे के दोनों ओर से साफ-साफ नजर आता हो।
10.राष्ट्रीय झंडे को आकार आयताकार ही होना चाहिए। साथ ही, उसके लंबाई और चौड़ाई का आकार 3:2 का होना चाहिए।
11.फहराने के लिए समुचित आकार के झंडे का इस्तेमाल किया जाए। 450 गुणा 300 एमएम के आकार का झंडा किसी वीवीआईपी को लाने व ले जाने हवाई जहाजों पर लगाया जाता है। 225 गुणा 150 एमएम आकार के झंडे मोटर कारों व 150 गुणा 100 एमएम आकार के झंडे मेजों के लिए निर्धारित किए गए हैं।
12.झंडे पर किसी प्रकार के अक्षर को नहीं लिखना है। ऐसा करने पर दोषी पर संविधान में प्रदत्त दंड के अनुरूप कार्रवाई की जाएगी।
13.झंडे का प्रयोग किसी भवन में पर्दा लगाने के लिए नहीं किया जाएगा।
14.झंडे को जान-बूझकर इस तरह से फहराना जिससे कि केसरिया रंग नीचे की ओर हो जाए दंडनीय अपराध माना गया है।
15.फटा और मैला-कुचैला झंडा नहीं फहराया जाएगा।
16.झंडे को किसी अन्य झंडे के साथ या अन्य झंडों के साथ एक ही ध्वज दंड पर फहराना सख्त मना है।
17.झंडा यदि मैला या फट जाए तो उसे जलाकर या किसी सम्मानजनक तरीके से नष्ट करने का प्रावधान रखा गया है।
18.यदि झंडे का प्रदर्शन सभा मंच पर किया जाता है तो उसे इस प्रकार फहराया जाए कि जब वक्ता का मुंह श्रोताओं की ओर हो तो झंडा उनके दाहिनी ओर रहे अथवा झंडे के पीछे दीवार के साथ और उससे लेटी हुई स्थिति में प्रदर्शित किया जाए।
19.संविधान में कुछ ही लोगों को अपने वाहन में झंडा लगाने के लिए स्वीकृत किया गया है। इनमें राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यपाल, उपराज्यपाल, विदेशों में नियुक्त भारतीय दूतावासों के अध्यक्ष, प्रधानमंत्री व अन्य कैबिनेट मंत्री, मुख्यमंत्रियों, राज्यमंत्रियों, उप मंत्रियों, लोकसभा व राजयसभा के अध्यक्षों, राज्य विधान परिषदों के उप सभापतियों, सुप्रीम कोर्ट के जजों, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीशों और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश ही शामिल किए गए हैं।
20.जब कोई विदेशी गणमान्य व्यक्ति सरकार की ओर से उपलब्ध कराई गई कार में सवार हो तो राष्ट्रीय झंडा कार के दाईं ओर व संबंधित देश का झंडा कार के बाईं ओर लगाया जाना सुनिश्चित किया गया है।

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